प्ले स्कूल की तर्ज पर हाईटेक आंगनबाड़ी केंद्र इन दिनों खूब चर्चा में, नन्हें बच्चे खेल-खेल में बड़े उत्साह भाव से करते हैं पढ़ाई

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धनबाद (DHANBAD) : शहर के विस्तीपाड़ा में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र इन दिनों खूब चर्चा में है। इस आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आंगनबाड़ी केंद्र की व्यवस्थाएं इतनी अच्छी हैं कि अभिभावक अपने बच्चे को इस केंद्र में भेजने के लालायित हैं. इस आगनबाड़ी केंद्र में हर वह सुविधा है, जो एक प्राइवेट प्ले स्कूल में होती है। यहां की सारी व्यवस्थाएं निजी प्ले स्कूल की तरह हैं।

आंगनबाड़ी में बच्चे बड़े उत्साह भाव के साथ पढ़ने आ रहे हैं। इस मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर उपायुक्त माधवी मिश्रा ने फीता काटकर उद्घाटन किया. इस दौरान उपायुक्त ने बच्चों को उपलब्ध कराए गए संसाधनों की जानकारी ली। बच्चों की उपस्थिति को भी चेक किया। धनबाद का यह आंगनबाड़ी केंद्र जिसमें पढ़ने के लिए आने वाले बच्चे जल्दी केंद्र को छोड़कर जाना नहीं चाहते हैं। पढ़ने की सारी सुविधा के साथ-साथ उनके खेल के लिए भी कई संसाधन जुटाये गए हैं। इस आंगनबाड़ी केंद्र को आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र का रूप देने की यह पहल टेरी यानी द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टिट्यूट दिल्ली ने की है।

आंगनबाड़ी केंद्र में प्राइवेट प्ले स्कूल की तरह वॉल पेंटिंग की गई है। जिसमें बच्चे खेल खेल में ही abcd, 1234,अ आ ई जैसे बेसिक पढ़ाई सीख सकते हैं। इस केंद्र का क्लास रूम भी प्राइवेट प्ले स्कूल की तर्ज पर ही डेवलप किया गया है। जिसमें बेंच, डिजिटल ब्लैक बोर्ड, चित्र के साथ फल, सब्जियों व फूलों के नाम अंकित हैं। द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टिट्यूट के पदाधिकारी सुमित ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों को ऐसे आदर्श आंगनबाड़ी के रूप में डेवलप करने की आगे भी योजना है। उन्होंने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र गोविंदपुर, टुंडी, पूर्वी टुंडी के केंद्र को भी जल्द ही प्राइवेट प्ले स्कूल के तर्ज पर डेवलप किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पंखा चलाने और बल्ब जलाने के लिए इस केंद्र में सोलर पैनल लगाया गया है। आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका श्वेता देवी ने बताया कि बच्चों के लिए प्रतिदिन नाश्ता और दोपहर का भोजन तैयार करती हैं। नाश्ते में बच्चों को हलुआ पड़ोसा जाता है। वहीं, दोपहर के भोजन में दाल भात सब्जी के अलावा एक-एक अंडा भी बच्चों को दिया जाता है। प्रत्येक शनिवार को बच्चों को खिचड़ी खिलाई जाती है. श्वेता देवी ने बताया कि पहले यह केंद्र खस्ताहाल में था. कई संसाधनों की कमी थी, पर आज यह आंगनबाड़ी केंद्र अलग ही लुक में है। सेविका ने कहा कि वर्तमान में 40 बच्चे पढ़ते हैं और लगातार अभिभावकों की तरफ से डिमांड आ रही है कि वे भी अपने बच्चों को केंद्र भेजना चाहते हैं। इस केंद्र पर बच्चों की स्वास्थ्य को लेकर एक पोषण सखी को भी बहाल किया गया है। कुल मिलाकर टेरी की पहल और प्रावेट कंपनी की फंडिंग से इस आंगनबाड़ी केंद्र को एक अलग पहचान मिली है। डीसी माधवी मिश्रा ने बताया कि टेरी ने जिस प्रकार से प्राइवेट कंपनी के साथ मिलकर आंगनबाड़ी केंद्र को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के तौर पर डेवलप किया है, यह काफी सरहानीय है। इसके बाद से यह देखा गया है कि केंद्र में बच्चों कि उपस्थिति बढ़ रही है। अभिभावक भी लगातार बच्चों को केंद्र में पढ़ने के लिए भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब जिला प्रशासन का यही प्रयास है कि जिले के और भी जो आंगनबाड़ी केंद्र हैं, उन्हें भी आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास होगा। इसके लिए समाज कल्याण विभाग को लिस्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

FNB24 फास्ट न्यूज भारत के लिए ब्यूरो रिपोर्ट

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