परमात्मा के बनाए कोई नियम कभी गलत नहीं हो सकते है, यह नियम आपके हित के लिए ही होते है – पूज्य श्री सुरेन्द्र हरीदास जी महाराज

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बलियापुर (DHANBAD) : श्री श्री राधा कृष्ण सेवा ट्रस्ट एवं भागवत समिति बलियापुर के तत्वाधान में आयोजित श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर में अष्ट दिवसीय श्री मद्भागवत महापुराण कथा ज्ञान गंगा यज्ञ में पूज्य श्री सुरेन्द्र हरीदास जी महाराज के सानिध् में 05 से 12 मार्च तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।

आज श्रीमद् भागवत कथा के चर्तुथ दिवस की शुरूआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई । जिसके बाद पूज्य महाराज श्री ने सभी भक्तगणों को “गोपाल तेरी सेवा हम से ना बनी रे
” भजन श्रवण कराया ।

कथा के प्रारम्भ में महाराज जी कहते हैं कि मनुष्य अगर अपनी गति स्वयं जानने का प्रयास न करें तो उसकी दुगर्ति होती है, मनुष्य जीवन को ही ये समझ है कि हम क्या करें और क्या न करें, लेकिन दुर्भाग्य ये है कि भगवान ने इतना बुद्धि और विवेक दिया है, किन्तु मनुष्य उसका प्रयोग नहीं करता है।

फिर आगे कहते हैं कि भरत जी महाराज के प्रसंग में उनके तीन जन्मों का वर्णन है, जो लोग ये कहते हैं कि हम नहीं मानते है ये सब पुरानी बातें है कि नया जन्म होता है पुराना जन्म होता है हम इन बातों पर विश्वास नहीं करते हैं, लेकिन इन बातों पर आप सभी विश्वास कर लीजिए. शास्त्रों में जो वर्णित है, वेद व्यास जी महाराज साक्षात भगवान के ही अवतार है जो व्यास बनकर जनता के कार्य करने लिए आएं. भगवान ने श्रृष्टि बना दी और भगवान ने नियम भी बना दिए, अब आप सब तक उन नियमों को कौन पहुंचाएगा ? फिर आगे महाराज जी सवाल पूछते हैं कि भगवान ने नियम तो बना दिया लेकिन उन नियमों को कोई न कोई तो तुम सब तक पहुंचाएगा. इसलिए स्वयं भगवान,व्यास बनकर आए, और उन्होंने सारे पुराणों के माध्यम से वेदों का विभाजन किया और फिर शास्त्रों के माध्यम से बताया कि भगवान के नियम क्या-क्या हैं ?।

आगे महाराज जी कहते हैं कि हमारे देशों-प्रदेशों में जो कानून बनाए जाते है वो गलत हो सकते है परन्तु परमात्मा के बनाए कोई नियम कभी गलत नहीं हो सकते है, परमात्मा के बनाए हुए नियम आपके हित के लिए ही होते है. लेकिन तकलीफ इस बात की है कि हमें समझ नहीं है कि हम सब जानबूझकर अज्ञानी बने बैठे है, ये जानते हुए कि हमें हर एक कर्म का फल भुगतना ही होगा।

आज कथा में वामन भगवान राजा बलि की कथा विस्तार से बताया कैसे दैत्य कुल में जन्म लेने वाले राजा बलि अपना सबकुछ भगवान श्री हरि को दान में दे दिया बड़ी धूम धाम झांकी निकाला गया और सभी भक्तों ने झूमते हुए पूज्य महाराज जी से सानिध्य में इस उत्सव का आंनद लिया, कल कथा में कृष्ण की बाल लीलाओं की कथा श्रवण करायी जायेगी। सभी भक्तों से महाराज जी ने पीले वस्त्र धारण कर कथा पांडाल में आने बोले है।।इस कथा को सफल बनाने में प्रमुख रुप से ।घनश्याम ग्रोवर,मिठु सरिया, कुलदीप अग्रवाल, जगदीश अग्रवाल,मोहन अग्रवाल, गिरधारी अग्रवाल बंटी अग्रवाल,शैलेन मंडल ,भागवत कुंभकार,सुबल गोराई,अशोक कुंभकार,सुदाम कुंभकार, रविन्द्र वर्मा, विजय गोराई रुपेश पाल आदि समाज के सभी लोगों के सहयोग से किया जा रहा है।

FNB24 फास्ट न्यूज भारत के लिए ब्यूरो रिपोर्ट

 

 

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